*विविध हाइकु।।।।।।।।*
किस्मत मौका
सफल है कर्म से
लगाता चौका
नहीं आराम
व्यस्त रहो काम में
मगन काम
शायर आह
कलम में भी आह
सुने हैं वाह
जो है जिंदगी
भाग्य नहीं कर्म से
है ये बंदगी
सुनो सबकी
और सोचो समझो
करो मन की
प्यार है क्या
बताना मुश्किल है
आँखों से बयां
अभाव देखो
तभी निर्णय लेना
भाव को देखो
कर्म गागर
भाग्य लकीरें बनें
सुख सागर
*रचयिता।एस के कपूर*
*श्री हंस।बरेली*
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