*विविध हाइकु।।।।।।।।।*
क्यों कैसे जाने
सुन के नहीं देखें
तभी ही माने
अनजाने में
गलती हो जाये तो
क्षमा मांग लें
जीवन डोर
प्रभु के हाथ छोर
न उसे छोड़
ये बचपना
जीवन का ये हिस्सा
एक सपना
रिश्तों के धागे
रखना संभाल के
प्यार हैं मांगे
वो जो थे हीरो
वक़्त की मार से
बनते जीरो
*रचयिता।।एस के कपूर*
*श्री हंस।।।।।।।।।बरेली*
मोब 9897071046
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