*जरा प्रेम परोस कर तो देखिये।*
*।।।।।।।।।।।।मुक्तक।।।।।।।।।*
रिश्ते भी भूखे होते हैं
प्यार जता कर तो देखिये।
मिठास चाशनी की जरा
फैला कर तो देखिये ।।
रंग भर जायेगा इस सूख
चुकी दुनियादारी में ।
बेवक्त बेवजह किसी को
गले लगा कर तो देखिये ।।
*रचयिता।।।।एस के कपूर श्री*
*हंस।।।।।।।बरेली।।।।।।।।।।*
मो 9897071046।।।।।।।।
8218685464।।।।।।।।।।।
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