अनन्तराम चौबे अनन्त  जबलपुर म प्र

गांव शहर दो भाई भाई


गांव शहर दो भाई भाई
एक बड़ा एक छोटा भाई ।
आपस में कभी न मिलते है
मर्यादा रहती है इनकी भाई ।


गांव शहर में अंतर रहता
शहर बड़ा इनका है भाई ।
आपस में दूरी रहती है
गांव है इनका छोटा भाई ।


दोनो ही खुशहाल रहते हैंं
अपने ही स्तर से रहते हैं ।
गांव में सब मिलकर रहते
भाई चारा बनाकर रखते ।


किसान का गांव से रिश्ता है
मेहनत से खेती करता है ।
भरपूर अनाज पैदा करता है
जो खाने को सबको मिलता है ।


शहर से सब व्यापार चलता है
जो गांव शहर में फैला रहता है ।
गांव शहर दो भाई का रिश्ता है  
छोटे बड़े भाई के,जैसा होता है ।


गांव शहर में भेद न करना
दोनों का अपना मतलब है ।
गांव शहर दो भाई भाई हैं
बस छोटे बड़े का अन्तर है ।


    अनन्तराम चौबे अनन्त
          जबलपुर म प्र
        9770499027
            2214 /
      मौलिक व स्वरचित


  


कोई टिप्पणी नहीं:

Featured Post

दयानन्द त्रिपाठी निराला

पहले मन के रावण को मारो....... भले  राम  ने  विजय   है  पायी,  तथाकथित रावण से पहले मन के रावण को मारो।। घूम  रहे  हैं  पात्र  सभी   अब, लगे...