"हम एक हैं"
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ना तुम हिन्दू हो
ना तुम मुस्लिम
ना तुम सिख हो
ना तुम ईसाई
फिर कैसे मान लिए तुम
ये धर्मो को अपना भाई
मेरे नजर से तुम देखो
हर कोई है इंसान
जिससे बनता है मेरा
प्यारा हिंदुस्तान
सदा जागने वाले हो तुम
सदा जगाने वाले हो तुम
तेरे काँधे पर बोझ है देश की
सदा उठाने वाले हो तुम
कितनी मुशीबत आई देश मे
फिर भी, डटे रहते हो तुम
कभी गांधी कभी अम्बेडकर
कभी शिवा कभी महाराणा
कभी आजाद कभी भगत सिंह
बनकर दिखलाते हो तुम
काँधे से काँधे तुम मिलाते
कदम ताल की तुम गीत सुनाते
एक साथ आवाज लगाकर
यही बात तुम दोहराते .......
आवाज दो....
हम एक हैं
आवाज दो....
हम एक हैं
आवाज दो....
हम एक हैं
आज फिर से कहो
हम एक हैं
आज फिर से कहो....
हम एक हैं
आज फिर से कहो....
हम एक हैं
आवाज दो.....
हम एक हैं ।।
गनेश रॉय" रावण"
भगवानपाली,मस्तूरी,बिलासपुर, छत्तीसगढ़
9772727002
©®
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