"हाँ ! मैं बदल गया"
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जिंदगी के सफर में
मैं चलता गया
किस्मत ने जैसे नाच नचाया
वैसे नाचता गया
खुद को बहुत संभाला
कहीं सँभला तो कहीं फिसल गया
वो लोग ही थे मेरे अपने
जो जज्बातों के संग खेला
किसी ने विश्वास तो किसी ने दिल को तोड़ा
वक़्त था बदलने का और मैं बदल गया
बड़ी मासूमियत से कह रहे हैं वो लोग
देखो ये कितना बदल गया ।।
गनेश रॉय "रावण"
भगवानपाली,मस्तूरी, बिलासपुर, छत्तीसगढ़
9772727002
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