हलधर जसवीर

ग़ज़ल ( हिंदी )
------------------


इस चुनावी जंग का तो व्योम तक एलान है ।
जीत के इन आंकड़ों से  विश्व  भी  हैरान है ।।


हर धरम आज़ाद है हर कौम का सम्मान है ।
रोज दीवाली  यहां पर  रोज ही  रमजान है ।।


देश को कमजोर करती सब जमातें थक गई ।
वो अभी समझीं नहीं यह मुल्क हिंदुस्तान है ।।


गालियों ने तोड़ दी सीमा सभी संवाद की ।
वो सियासी खेल में बच्चा अभी नादान है ।।


भाषणों से एक उल्लू का पता मालूम हुआ ।
वह  कमीना  पाक  का  एजेंट  है  शैतान है ।।


खून से लतपथ मिला वो चीथड़े पहने हुए ।
लोग कहते है उसे वो  चीन का  दरवान है ।।


जो कुराने पाक में आतंक को ढोता रहा ।
नाम पूंछो तो  बताया मुल्क पाकिस्तान है ।।


आँख कोई भी दिखाए अब नहीं मंजूर है ।
 यार का है यार"हलधर" गैर को तूफान है  ।।


         हलधर -9897346173


कोई टिप्पणी नहीं:

Featured Post

दयानन्द त्रिपाठी निराला

पहले मन के रावण को मारो....... भले  राम  ने  विजय   है  पायी,  तथाकथित रावण से पहले मन के रावण को मारो।। घूम  रहे  हैं  पात्र  सभी   अब, लगे...