महाशिवरात्रि के पावन दिवस पर भगवान शिव के चरणों में,भजन के रूप में श्रद्धा सुमन।
प्रातकाल ईश्वर सुमिरन कर धरती मां को करो प्रणाम।
प्रारम्भ करो अपनी दिनचर्या लेकर पावन शिव का नाम।
जय शिवशंकर जय शिवशंकर।
आशुतोष शिव मूर्ति बिठा ले प्राणी अपने मन के अंदर
जय शिवशंकर जय शिवशंकर।
भोले शंकर हे चन्द्रभाल है नील कंठ में ब्याल माल।
हर हर शम्भू महादेव देव लोक मानस मराल
आक पुष्प अर्पित चरणों में हे परमेश्वर हे जगदीश्वर।
जय शिवशंकर जय शिवशंकर
मल्लिकार्जुन हे वैद्यनाथ श्री सोमनाथ हे विश्वनाथ।
भीमशंकर जय रामेश्वर महाकालेश्वर केदारनाथ
ओंकारेश्वर त्रयम्बकेश्वर जय घृष्णेश्वर जय नागेश्वर।
जय शिवशंकर जय शिवशंकर।
द्वादश ज्योतिर्लिंग तुम्हारे नष्ट करें पातक अघ सारे।
आशुतोष प्रभु औघड़ दानी तुम को सारे भक्त पुकारे।
जय बम-भोले जय त्रिपुरारी जय त्रिनयन सृष्टि प्रलयंकर
जय शिवशंकर जय शिवशंकर।
नाम सदाशिव अतिशय पावन मुक्ति प्रदायक पाप नसावन।
हे गौरी पति हे त्रिशूल पति भोलेनाथ भक्त मनभावन।
सुर नर असुर यक्ष गंधर्वा विल्व पत्र पूजित गंगाधर।
जय शिवशंकर जय शिवशंकर।
सुरेन्द्र मिश्र
"काव्य रंगोली परिवार से देश-विदेश के कलमकार जुड़े हुए हैं जो अपनी स्वयं की लिखी हुई रचनाओं में कविता/कहानी/दोहा/छन्द आदि को व्हाट्स ऐप और अन्य सोशल साइट्स के माध्यम से प्रकाशन हेतु प्रेषित करते हैं। उन कलमकारों के द्वारा भेजी गयी रचनाएं काव्य रंगोली के पोर्टल/वेब पेज पर प्रकाशित की जाती हैं उससे सम्बन्धित किसी भी प्रकार का कोई विवाद होता है तो उसकी पूरी जिम्मेदारी उस कलमकार की होगी। जिससे काव्य रंगोली परिवार/एडमिन का किसी भी प्रकार से कोई लेना-देना नहीं है न कभी होगा।" सादर धन्यवाद।
सुरेन्द्र मिश्र
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