इंदु,अमरोहा

🔥एक आग सी लगी है मन मे अब भी तेरी उन बातों से
नाता है आज भी मेरा कुछ उन साथ मे बीती रातों से



🔥मैं ठहरा हूँ चलता है समय जैसे दो दिन की बात कोई
एक डोर कोई है बंधी हुई तेरी गर्म उन सासों से



🔥आँखे हैं भरी पर रोता नही मैं टूट के जुड़ा दिखाता हूँ
दिल भारी पर है आज भी तो तेरे ही उन अहसासों से



🔥मैं रहा समर्पित तेरे लिए दिल को मेरे कुछ चैन मिला
पर तू बैरी दुनिया जुल्मी खेले सब मिल जज्बातों से



🔥माही न समझ कोई बात नही एक यारी तो पर रहने दे
दामन थोड़ा बचता तो रहे इन चुभने वाले काँटों से


 



इंदु,अमरोहा✒


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