जसवीर हलधर

महाशिवरात्रि पर - शिव स्तुति 
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अकाल काल सर्प माल धार के चले शिवा ।
नमो शिवा नमो शिवा नमो शिवा नमो शिवा ।।


विशाल भाल दीर्घ रूप चंद्र मस्तके सजे ।
दिगम्बरा वघम्बरा कि देह राख में रजे ।
त्रिशूल शूल सारथी करे समाज आरती ,
ललाट गंग घूमती  व चूमती घटा घटा ।
नमो शिवा नमो शिवा नमो शिवा नमो शिवा ।।


पिशाच नाच नाचते अघोर भूत प्रेत भी ।
निनाद नाद गूंजते मसान पूत स्वेत भी ।
मृदंग शंख बाजते सभी मलंग नाचते ,
भुजंग संग संग आग आब औ हवा हवा ।
नमो शिवा नमो शिवा नमो शिवा नमो शिवा ।।


गंधर्व देव यक्ष नर सनंद भीम शैल पै ।
लगे समाधि खाल पै रहे सवार बैल पै ।
रमा वही नियोग में जमा वही वियोग में ,
त्रिनेत्र नेत्र काल का सदा रहे खुला खुला ।
नमो शिवा नमो शिवा नमो शिवा नमो शिवा ।।


काल रहे भाल पर  माधुरिय राग रंग ।
तुचा सिंह आसन है गले शोभते भुजंग ।
वही वात पित्त में है वही प्राण चित्त में है ,
ओम व्योम कक्ष कील घूमती धरा धरा ।
नमो शिवा नमो शिवा नमो शिवा नमो शिवा ।।


          हलधर -9897346173


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