जय जिनेन्द्र देव की क्या था भारत .. विधा : गीत कहाँ से हम चले थे,

जय जिनेन्द्र देव की


क्या था भारत ..
विधा : गीत


कहाँ से हम चले थे,
कहाँ तक आ पहुंचे।
सभी की मेहनत ने,
दिखाया था जोश अपना।
तभी तो हम भारत को,
इतना विकसित कर सके।
पिन से लेकर एरोप्लेन,
अब हम बनाने जो लगे।।


कड़े लगन और परिश्रम,
के द्वारा ये हुआ है।
तभी तो भारत को,
दुनियां में स्थापित कर सके।
हमें उन विध्दमानो और,
वैज्ञानिकों के योगदानों को।
कभी भी भूल नहीं सकते,
उन किये गये कामों को।।


पर अब हम फिर से,
वही पर पहुँच रहे है।
जहाँ इंसानों और जानवरों में,
कोई अंतर नहीं दिखता।
पढ़े लिखे और बुध्दिजीवी भी,
वही सब काम कर रहे।
जो उन से बेहतर अनपढ़,
हमारे देश में कर सकते।।


कहाँ से हम चले थे, 
कहाँ तक आ पहुंच है।
सारी मेहनत और लगन का, 
अब बुरा हाल हो गया।
यदि ऐसा ही चलता रहा,
हमारे अपने देश में।
तो हम इंसानियत की,
सारी मर्यादाओ भूल जाएंगे।
और फिर इंसान ही इंसान को, 
बड़े आसानी से खा जाएगा।।


जय जिनेन्द्र देव की
संजय जैन (मुम्बई)
04/02/2020


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