🌺माँ शारदे------🌺
शारदे माँ शारदे, शारदे माँ शारदे ।
शब्द दे अनुभूतियों को, भाव को विस्तार दे।
शारदे माँ शारदे, शारदे माँ शारदे ।
दें हमें शक्ति जिससे सृष्टि का दुख-दर्द पी लें।
मुस्करायें कष्ट में भी, शूल में बन फूल जी लें।
लोकरंजन कल्पना को गीत का संसार दे ।
शारदे माँ शारदे, शारदे माँ शारदे ।
पूर्णता की आस बाँधे कामना के पंख लेकर।
हर दिशा में गूंज भरते, जागरण का शंक लेकर।
ज्ञान-मन्दिर में सृजन से नमन काअधिकार दे।
शारदे माँ शारदे, शारदे माँ शारदे।
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कालिका प्रसाद सेमवाल
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