कैलाश , दुबे होशंगाबाद

ऐ गम के बादलों तुम दूर चले जाओ ,


वहीं खड़े रहो अभी मेरे नजदीक न आओ ,


जो लिखा हो मेरे नसीब में लिखा रहे ,


पर पहले से मेरे नजदीक तो न आओ ,


कैलाश , दुबे


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