जो दूसरों के दर्द में शामिल नहीं होता ।
इंसान कहलाने के वो काबिल नहीं होता ।।
जितना चलोगे तुम , क्षितीज बढ़ता चलेगा ,
इस आसमां का तो कोई साहिल नहीं होता ,
मारे जो बेटी पेट में , ना सिसकियां आए ,
पत्थर है वो , सीने में उसके दिल नहीं होता ।
आजाद फिरता मैं भी तेरे साथ हंस लेता ,
साथी अगर मेरा खुदा कातिल नहीं होता ।
मालूम होती गर हकीकत लूटते
हो तुम ,
इस कारवे में मैं कभी शामिल नहीं होता ।
@9992318583@
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