कवि सुनील चौरसिया 'सावन' निवास- ग्राम- अमवा बाजार पोस्ट- रामकोला जिला कुशीनगर, उत्तर प्रदेश    

कविता- कुहू- कुहू बोले रे कोयलिया...


कदम्ब की डाल पर डोलती कोयल।
पीऊ- पीऊ, कुहू- कुहू बोलती कोयल।।



सुख - दुख में शुभ गीत गाने वाली।
थके मादे लोगों को झुमाने वाली।।


इस डाल से उस डाल पर डोलती कोयल।
पीऊ- पीऊ, कुहू- कुहू बोलती कोयल।।


नीरस पल में भी रस पाने वाली।
ऋतुराज के संदेश को पहुंचाने वाली।।


रसाल फल देख चोंच खोलती कोयल।
पीऊ- पीऊ, कुहू- कुहू बोलती कोयल।।



पतझड़ की महफिल में लाती बहार।
'सावन' सरस भाव से भावनाओं का भार-


कंठ के तराजू पर तौलती कोयल।
पीऊ- पीऊ, कुहू- कुहू बोलती कोयल।।



पीपल की डाल पर डोलती कोयल है।
 पीऊ- पीऊ, कुहू- कुहू बोलती कोयल।।


कवि सुनील चौरसिया 'सावन'
निवास- ग्राम- अमवा बाजार पोस्ट- रामकोला जिला कुशीनगर, उत्तर प्रदेश
       प्रवक्ता,
       केंद्रीय विद्यालय टेंगा वैली, अरूणाचल प्रदेश।
मोबाइल-9044974084, 8414015182


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