मनहरण घनाक्षरी
*प्रेम*
राहों में मिली नजर,
दिल हो गया अधर,
ये प्यार का है असर,
दिल मे समाइये।
💗🌹
हो रही मन बोझिल,
दिल उथल पुथल,
हृदय तल मचल,
खुशी गीत गाइये।
🌹❤
प्रेम करो शुद्ध मन,
नाचे है अंतर मन,
साक्षी है नीलगगन
प्रेम बरसाइये।
💗🌷
मचे दिल में हिलोर,
जैसे हवा करे सोर,
सागर क्षितिज ओर,
प्यार के हो जाइये।
🙏🏼
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