मनहरण घनाक्षरी
*देश के जवान*
"""""""""""""""""'"
देश के जवान वीर,
जैसे भाला शमशीर,
निज मन धर धीर,
देश को बचाते हैं।
🇮🇳🌸
निज शौक पाटते हैं,
तलवे न चाटते हैं,
या तो सिर काटते हैं,
शहीद हो जाते हैं।
🏵🇮🇳
पुलवामा पर किया,
पीठ पीछे वार किया,
जात शर्मसार किया,
घुसपैठी आते हैं।
🇮🇳🌺
सदा है फैलाते जाल,
जयचदें बन काल,
करके भी बुरा हाल,
नही शरमाते हैं।
🌸🇮🇳
🇮🇳पुलवामा के वीर -
शहीदों को श्रद्धांजलि💐
*******
कोई टिप्पणी नहीं:
एक टिप्पणी भेजें