*मनहरण घनाक्षरी*
(मतगणना)
इंतजार हाँ हो रहा,
मन यूं मचल रहा,
हर पल पल पल,
जिया बेकरार है।
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तुम्हे कैसे मैं बताऊँ,
किस तरह सताऊँ,
मेरा कल तुम ही हो,
तेरा इंतजार है।
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इरादा है पक्का मेरा,
जीत का है वादा मेरा,
दिल को मनाऊँ कैसे,
नित इकरार है।
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विकास का वादा किया,
आस सबको ही दिया,
जब खुला मतपेटी,
जीना दुसवार है।
🙏🏼
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