*माघी पूर्णिमा का स्वागत*
सुनो जरा सब ध्यान से यह किसकी परवाज़ है
आवाज मिट्टी की है या
मिट्टी की आवाज़ है
कंगूरे पर बैठ परिंदा टांय टांय क्यों करता है
उसको भी अपने उपर देखो कितना नाज है
आवाज मिट्टी की है या
मिट्टी की आवाज़ है
मौसम को पहचाने परिंदा रंगों पर इतराता है
खुशबू उसके कण कण में हवा का रुत ही साज है
आवाज मिट्टी की है या
मिट्टी की आवाज़ है!
*लता प्रासर*
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