"माँ शारदे माँ शारदे"
राहुल मौर्य 'संगम'
गोला गोकरननाथ खीरी उत्तर प्रदेश
संपर्क-9452383538
जय-जय-जय माँ शारदे,करो सकल कल्याण।
शब्द - शब्द गाथा बने , भर दो उनमें प्राण।।
मैं बालक नादान हूँ , सरगम से अनजान ।
करो कृपा माँ शारदे , गाऊँ तेरा गान ।।
श्वेत कमल माँ भारती , बारम्बार प्रणाम ।
बस तेरा गुणगान ही , करता आठों याम ।।
हंसवाहिनी ज्ञान की , बरसा दो रसधार ।
नाम रहे संसार में , जाऊँ जब उस पार ।।
आसन माँ का श्वेत है , कर वीणा का वास ।
दूर करो माँ शारदा , मानवता का त्रास ।।
वीणा की झंकार से , गूँजे मेरे गीत ।
सकल विश्व कल्याण में,बिखरे अनुपम प्रीत ।।
जगती माँ हे भारती , अंतिम यह अरदास ।
जगत में आये एकता , पूर्ण करो सब आस ।
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