हमको मिला है हक्क का हकिकत का वास्ता
अपना जुडा है सबसे महोबत का वास्ता
हम हैं नसीब वाले हुवे पयदा हम वहां
जीनका रहा है सदियों शराफत का वास्ता
नाजुक से खयाल हैं नजाकत से मालामाल
दिलका रहा है दिलसे महोबत का वास्ता
जेली जहां में हमने दुश्वारीयां बहोत
छोडा कभी न हमने सदाकत का वास्ता
जहेमत से अपनी निकले बेचारगी से हम
उलजा रहा था मासूम गुरबत का वास्ता
मासूम मोडासवी
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