मधु शंखधर स्वतंत्र
प्रयागराज
मधु के मधुमय मुक्तक
सफल
◆सफल मनुज वो ही बने,जिसका उच्च विचार।
आशा की नव ज्योत से,होता जग विस्तार।
करो सदा कर्तव्य को,ऐसा हो विश्वास,
सफल बने निश्चित वही, जो धरता आधार।।
◆कभी हार मत मानिए,करिए अपना काम।
अथक परिश्रम जो करे,वो ही करता नाम।
मत भूलो इस देश का, ऐसा ही इतिहास,
धीर वीर ही सफल हैं,धरती के सुखधाम।।
◆जाने सारे मनु यही,मन में हो विश्वास।
जीने की इक चाह हो,सुखद भाव का आस।
सफल बने हर क्षेत्र में,जो मनु करता काम,
मधु जीवन में सफल ही,रचता है इतिहास।।
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