ममता कानुनगो इंदौर

हायकू
५+७+५
सुनो कान्हा,
मेरे अंतर्मन में,
रहते तुम।
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मनमोहन,
सांवली सूरतिया,
मन बसिया।
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मैं जाऊं वारी,
चितवन पे तोरी,
बंसी माधुरी।
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डाली कदंब,
किये चोरी वसन,
गोपीहरन।
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राधारमण,
रास रचाए कृष्णा,
मनभावन।
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श्यामाचरण,
कालिया मरदन,
मधुसूदन।
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कंस दमन,
गीता उपदेशक,
धर्मावतार।
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ममता कानुनगो इंदौर


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