भूपसिंह भारती,
आदर्श नगर नारनौल
नशापान
नशापान सै मौत का, पक्का दस्तावेज।
जीणा सै तो भाइयों, इससै करो परहेज।
इससै करो परहेज, छोड़ दो हुक्का पाणी।
सिकरट दारू करै, जीण की खत्म कहाणी।
करै कैंसर कसूत, बणा क्यूँ नादान सै।
कैंसर का ही दूत, दिखे यो नशापान सै।
विश्व कैंसर दिवस
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