14 फरवरी - एक सन्देश शहीदों का
चूम चूम चूम ले तू देश की ये मिट्टी
गंगाजल जमजम से भी पवित्र ये मिट्टी
मन में वन्दे मातरम के गीत ही तू गाता चल
मन में बसे द्वेष भाव सारे तू मिटाता चल
जय हिन्द जय हिन्द नारा तू लगाए जा
गर दीन दुखी कोई मिले गले तू लगाये जा
तू चरणों की भारती के करे सदा वन्दना
कर देश के हवाले खुद को रख कोई रंज न
रक्षा इस देश की है अब तेरे हाथों में
विश्वास नहीं मुझे नेता जी की बातों में
हिन्द जैसा विश्व में कोई देश दूजा नहीं
जननी मातृभूमि से बड़ी कोई पूजा नहीं
देश पर बलिदान हो कोई इससे बड़ा काम नहीं
इससे अधिक जीवन का जग में है दाम नहीं।।
नीरज कुमार द्विवेदी
बस्ती - उत्तर प्रदेश
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