नीरज कुमार द्विवेदी बस्ती - उत्तरप्रदेश

14 फरवरी : पुलवामा हमला(शहादतदिवस)
14 फरवरी ऑनलाइन सम्मेलन हेतु
दहल गईथी घाटी उस दिन आतंकी अंगारों से
थे दहशतगर्द जो लेकर आये लाहौरी दरबारों से
रक्त बहा था माँ की गोद में माँ के रक्षक बेटों का
हिन्दुस्तान ये चीख उठा था दर्द भरी चीत्कारों से।


इतने दुख में भी नेताजन भाषा अपनी अपनी बोल रहे थे
ले बैठ तराजू वोट बैंक की रोटी राजनीति की तौल रहे थे
आवाज उठी थी मन्दिर मस्जिद, हर गिरिजाघर गुरुद्वारों से
अब दहला दो पिण्डी और कराची देश भक्त ये बोल रहे थे।।


सबक इन्हें सिखलाने का फिर मोदी जी ने जरा विचार किया
सेना को आदेश दिया और उसने प्लान नया तैयार किया
जो छिपकर आते थे चोरों से उनकी औकात उन्हें दिखलाने को
वीर जवानों ने उनके घर में घुसकर फिर बम्बों से बौछार किया।।


लगे रडार बहुत थे पाक में जिसका कुछ अपना काम ही है
लेकिन हिन्द के फौजी थे ये मारकर आना जिसका काम ही है
ये उसी हिन्द के फौजी थे जिसके सम्मुख हथियार था डाला उसने
पाक का हिन्द फौज की ताकत से सबसे कायर फौज का नाम ही है।।
नीरज कुमार द्विवेदी
बस्ती - उत्तरप्रदेश


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