निधि मद्धेशिया कानपुर

 


*काश...*🌹


काश इसी भरम में उम्र गुजर जाए
तुम मुझे चाहते हो, काश.......
पसंद मेरी तुम हो तुम मुझे माँगते हो, काश...
इकरार न करना
इजहार न करना
ऐसा व्यवहार न होगा दिल दुख जाए, काश...
ताके रहना जिंदगी को
दूरी बनाए रखना,
जरा-सा जो पास आएँगे हम दोनों
बीच में मिलन बन के मौत न आए, काश....
महसूस करते हैं 
इसलिए दूरियाँ पसंद हैं
इन दूरियों का कोई अंजाम न हो
काश ऐसा हो पाए, काश.....
हम तुम्हें प्यार करते हैं बस इतना-सा
सदा होंठ तुम्हारे मुस्कुराए
तुम खुश रहो हमेशा,
इस नगर में हैं मेरे दोस्त काफी
उनके मेले में हमें तू अकेला भाए, काश....
तुमने जन्म लिया है किसी के लिए
हमने जन्म लिया है किसी के लिए
फिर भी दोनों सोंचते हैं अच्छा हो
गर हम एक हो जाए, काश.....
तुम मुझे चाहते हो
पसंद मेरी तुम हो, तुम मुझे माँगते हो,
काश इसी.......


निधि मद्धेशिया
कानपुर


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