निशा"अतुल्य"देहरादून


शिवरात्रि पर सभी को ढ़ेर सारी शुभकामनाएं


ॐ नमः शिवाय ॐ नमः शिवाय 
हर हर बोलो ॐ नमः शिवाय 
🕉️🕉️🕉️🕉️🕉️🕉️🕉️
हे त्रिनेत्र,त्रिपुंड त्रिपुरारी बाघम्बर धारी
बांध जटा में वेगी गंगा 
बन गये तुम पल में अविनाशी
करते धरा का पोषण 
सहजता जीवन की सिखलाई।
शिश धरा चाँद को तुमने
जिसपर थी विपदा गहराई
नाग कंकण धार हाथ में
बेरी से करना प्रेम सिखाया।
रत्न तो बांटे सब देवो ने 
भागे जब हलाहल सागर से आया
पी लिया पल में हलाहल तुमने 
 किया जगत कल्याण
धार कंठ में विष को बने नीलकंठ 
हो गए देवों के देव महादेव कहलाये
भांग धतूरा हो गया प्यारा 
औघड़ दानी समाधि रमाये
बन बेरागी जमाई धूनी श्मशान 
मरण की सत्यता बताये।
किया तप पार्वती ने ऐसा
समाधिस्थ न रह पाए
किया वरण पार्वती का
भूत,प्रेत,नंदी गण बराती बन आये
फागुन त्रियोदशी का दिन
महा शिवरात्रि कहलाये।
हुई सती हवन कुंड में समाधिस्थ
बन प्रेमी त्रिलोक में घूमें।
राग विराग का अनुपम्य संगम
तुमसा कोई देख ना पाये
रचा ब्याह बैरागी कहलाये।
त्रिनेत्र धारी तांडव तेरा विनाश कारी 
रहो शांत 
करो जग का उद्धार हे त्रिपुंड धारी 
ॐ नमः शिवाय ॐ नमः शिवाय 
हर हर बोलो ॐ नमः शिवाय का
जो करे जाप वो भव से तर जाये ।


स्वरचित
निशा"अतुल्य"


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