नूतन लाल साहू

पल
पल में मिनट,पल में घंटा
पल पल में महीनों, बीत जाते है
पल का पालन करने वाले
पल पल आगे,बढ़ जाते है
सूरदास,तुलसी, काली,कबीरा
अपने समय के,थे वो हीरा
जग में नाम, कमा कर गये
महादेवी और मीरा
पल में मिनट,पल में घंटा
पल पल में,महीनों बीत जाते है
पल का पालन करने वाले
पल पल आगे बढ़ जाते है
क्या किसान, क्या ब्यापारी
क्या नेता, क्या अधिकारी
पल ही करता है,सबका बेड़ापार
जो पल का सदुपयोग,नहीं किया
उनके जीवन में, अंधियार ही अंधियार
पल में मिनट,पल में घंटा
पल पल में,महीनों बीत जाते है
पल का पालन करने वाले
पल पल आगे बढ़,जाते है
जलिया वाला, बाग न भूलो
मत भूलो,भगत सिंह की फांसी को
देश भक्ति को,छोड़ चले हम
स्वार्थ की,भक्ति समाई है
पल में मिनट,पल में घंटा
पल पल में,महीनों बीत जाते है
पल का पालन,करने वाले
पल पल आगे बढ़,जाते है
वक्त से लड़कर, जो नसीब बदल लेे
इंसान वहीं, जो अपनी तकदीर बदल दे
कल क्या होगा,कभी मत सोचो
क्या पता कल,वक्त खुद
अपनी तस्वीर, बदल ले
नूतन लाल साहू


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