माघी पुन्नी
चल संगी मेला,देखे बर जाबो
महादेव के दर्शन, ल पाबो
माघ पुन्नी,सुग्घर परब तिहार
संगम मा, डुबकी लगा बो
चल संगी मेला,देखे बर जाबो
धथुरा, फुड़हर के संग म
नरियर, बेलपतरी चढ़ाबो
अपन जिंनगी ल सुफल बनाबो
चल संगी,मेला देखे बर जाबो
महादेव के दर्शन,ल पाबो
ज्ञानम, शिलं,शिवम् सुंदरम
भक्तन के,हितकारी है
वेद शास्त्र, पुराण से ऊपर
जिनकी महिमा न्यारी है
चल संगी मेला,देखे बर जाबो
महादेव के दर्शन,ल पाबो
माथे में चंदा, जटा में गंगा
हर हर बोले,हर कोई बंदा
ये भोला के चोला ह
मोह डारे गा, अडबड़ मोला
चल संगी मेला,देखे बर जाबो
महादेव के दर्शन,ल पाबो
हमू ल तय ह, तार लेबे
जइसन सब ल तारे
तोर शक्ति के आगे भोला
सब के शक्ति ह हारे
दुर दुर ले आयेन भोला
तोर मंदिर के द्वारे
दर्शन तय ह दिखा देबे
जय जय होय तुम्हारे
चल संगी मेला,देखे बर जाबो
महादेव के दर्शन,ल पाबो
नूतन लाल साहू
"काव्य रंगोली परिवार से देश-विदेश के कलमकार जुड़े हुए हैं जो अपनी स्वयं की लिखी हुई रचनाओं में कविता/कहानी/दोहा/छन्द आदि को व्हाट्स ऐप और अन्य सोशल साइट्स के माध्यम से प्रकाशन हेतु प्रेषित करते हैं। उन कलमकारों के द्वारा भेजी गयी रचनाएं काव्य रंगोली के पोर्टल/वेब पेज पर प्रकाशित की जाती हैं उससे सम्बन्धित किसी भी प्रकार का कोई विवाद होता है तो उसकी पूरी जिम्मेदारी उस कलमकार की होगी। जिससे काव्य रंगोली परिवार/एडमिन का किसी भी प्रकार से कोई लेना-देना नहीं है न कभी होगा।" सादर धन्यवाद।
नूतन लाल साहू
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