नूतन लाल साहू

प्रभु का भजन
जब छोड़ चलू,इस दुनिया को
होठो पे नाम तुम्हारा हो
चाहे स्वर्ग मिले या नरक मिले
हृदय में वास, तुम्हारा हो
जब छोड़ चलू,इस दुनिया को
होठों पे नाम तुम्हारा हो
तन श्याम नाम की चादर हो
जब गहरी नींद में,सोया रहू
कानो में मेरे गुंजित हो
कान्हा बस,नाम तुम्हारा हो
जब छोड़ चलू इस दुनिया को
होठों पे नाम तुम्हारा हो
रसते में तुम्हारा,मंदिर हो
जब मंजिल को,प्रस्थान करू
चौखट पे तेरी मनमोहन
अंतिम प्रणाम हमारा हो
जब छोड़ चलू इस दुनिया को
होठों पे नाम तुम्हारा हो
उस वक्त कन्हैया,आ जाना
जब चिता में,जाके शयन करू
मेरे मुख में तुलसी,मन में राम
इतना बस काम,तुम्हारा हो
जब छोड़ चलू इस दुनिया को
होठों पे नाम तुम्हारा हो
अगर भक्ति की है,मै तुम्हारी
तो मुझको ये,उपहार मिले
इस भक्त का सावरिया
जन्म दुबारा,जग में न मिले
जब छोड़ चलू,इस दुनिया को
होठों पे नाम तुम्हारा हो
चाहे स्वर्ग मिले या नरक मिले
हृदय में वास तुम्हारा हो
जब छोड़ चलू,इस दुनिया को
होठों पे नाम तुम्हारा हो
नूतन लाल साहू


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