नूतन लाल साहू

भजन
बात समझ में, आईं अब हमारी
झूठी है सारी, दुनिया दारी
और न लो, परीक्षा हमारी
आईं शरण में प्रभु, हम तुम्हारी
मै तेरा था, भ्रम अब है टूटा
समय ने किया सब,ये रिश्ता झूठा
मोह माया में, मति गई मारी
आईं शरण में प्रभु हम तुम्हारी
बात समझ में आईं अब हमारी
झूठी है सारी दुनिया दारी
जिनके भरोसा करके, समझा था अपना
टूटा भरम सारा,मिथ्या था सब कुछ
मतलब की थी,सबकी यारी
आईं शरण में प्रभु हम तुम्हारी
बात समझ में आईं अब हमारी
झूठी है सारी दुनिया दारी
चंचल मन ने, बहुत नचाया
धन ही कमाने का,लक्ष्य बनाया
चैन गया उड़ी और नींद भी भागी
आई शरण में,प्रभु हम तुम्हारी
अंतिम आशा,भरोसा तिहारा
थक गया हूं, चहु ओर से हारा
ओम ओम ओम, हरि ओम ओम ओम
दृष्टि दया की, करो मंगल कारी
आई शरण में प्रभु हम तुम्हारी
बात समझ में,आई अब हमारी
झूठी है सारी, दुनिया दारी
और न लो अब,परीक्षा हमारी
आये शरण हम,प्रभु हम तुम्हारी
बात समझ में आई अब हमारी
झूठी है सारी दुनिया दारी
अपनी तो जिंदगी की
अजीब कहानी है
जिस चीज को चाहा
वो ही बेगानी है
हंसते भी है तो
दुनिया को हंसाने के लिए
वरना दुनिया डूब जाए
इन आंखों में,इतना पानी है
बात समझ में आई अब हमारी
झूठी है सारी दुनिया दारी
नूतन लाल साहू


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