ओम जय जगदीश हरे
नया साल या पर्व आते ही
शुरू हो जाता है
एस एम एस द्वारा
बधाई देने का सिलसिला
पता नही उसे सामने वाला
पढ़ा या नहीं पढ़ा
कई अजीबो गरीब
संदेश आए,पढ़कर चकराए
पर मोबाईल,कंपनी की जेब भरे
ओम जय जगदीश हरे
अपुन के पास
कुछ संदेश आया
एक डाक्टर मित्र ने फरमाया
नए साल में,खांसी जुकाम नहीं
कोरोना से भी बढ़कर
बीमारी आयेगा
मरीज जिये अथवा मरे
अपुन की जेब भरे
ओम जय जगदीश हरे
एक वकील साहब ने
मैसेज किया
नये साल में भाईचारा
भाड़ में जाए
मुजरिम तख्त की आड़ में आए
मुकदमा जीते चाहे हारे
नोट मिल जाए, खरे खरे
ओम जय जगदीश हरे
एक पुलिस वाले का
मैसेज आया
नये साल में चोरी हो या डकैती हो
झगड़ा हो या फसाद हो
मामला चाहे, जो भी हो
अपुन की जेब भरे
ओम जय जगदीश हरे
नया साल या पर्व आते ही
शुरू हो जाता है
एस एम एस द्वारा
बधाई देने का सिलसिला
पता नही उसे,सामने वाला
पढ़ा या नहीं पढ़ा
मोबाईल कंपनी की जेब भरे
ओम जय जगदीश हरे
नूतन लाल साहू
"काव्य रंगोली परिवार से देश-विदेश के कलमकार जुड़े हुए हैं जो अपनी स्वयं की लिखी हुई रचनाओं में कविता/कहानी/दोहा/छन्द आदि को व्हाट्स ऐप और अन्य सोशल साइट्स के माध्यम से प्रकाशन हेतु प्रेषित करते हैं। उन कलमकारों के द्वारा भेजी गयी रचनाएं काव्य रंगोली के पोर्टल/वेब पेज पर प्रकाशित की जाती हैं उससे सम्बन्धित किसी भी प्रकार का कोई विवाद होता है तो उसकी पूरी जिम्मेदारी उस कलमकार की होगी। जिससे काव्य रंगोली परिवार/एडमिन का किसी भी प्रकार से कोई लेना-देना नहीं है न कभी होगा।" सादर धन्यवाद।
नूतन लाल साहू
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