नूतन लाल साहू माटी माटी का है,बना ये दुनिया

नूतन लाल साहू


माटी
माटी का है,बना ये दुनिया
माटी है, अनमोल
माटी का कोई भेद न जाने
माटी है, अनमोल
कालिया बन जाओ तुम
फूल बन मुस्कुराओ
मधुर मधुर,मस्त मस्त
गीत तुम सुनाओ
तुम सपूत हो,हिंदुस्तान का
तुझसे ही,बना है हिंदुस्तान
माटी का है, बना ये दुनिया
माटी हे, अनमोल
माटी का कोई भेद न जाने
माटी हे, अनमोल
कथा बनो,कहानी बनो
नेता बनो,अभिनेता बनो
धनवान बनो,बलवान बनो
ज्ञानी बनो, विज्ञानी बनो
माटी का तिलक लगा लो
माटी का है, बना ये दुनिया
माटी है, अनमोल
माटी का कोई भेद न जाने
माटी है, अनमोल
बम चलाने वाले प्यारे
खुद मर जाते है, बेमौतो से
जो देश के खातिर,मर मिटे
उसे कुर्बानी, कहते है
माटी है, बेजोड़ जगत में
ममता का चादर ओढ़
माटी का है,बना ये दुनिया
माटी हे, अनमोल
माटी का कोई भेद न जाने
माटी है, अनमोल
गंगा मांग रही बलिदान
जमुना मांग रही कुर्बानी
आज वतन में जो मिट जाये
वो है, सच्चा हिन्दुस्तानी
नूतन लाल साहू


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