(007) 🙏🏻 *प्रतिभा प्रभाती* 🙏🏻
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क्षिति जल पावक गगन समीरा , ऐसे में क्या कहें कबीरा ।
अभिनंदन के अभिनंदन से गूंजा , पावन पुण्य धरा अधीरा।
आज प्रभाती अभिनंदन की , और हमारे सैनिक गण की ।
पावन पुण्य धरा अगम की , और सनातन सत्य जन गण की।
आज धरा पर धर्म खिला है , नैतिकता ने कर्म किया है ।
सबको कोटि-कोटि वंदन है , भारत भाल अभिनंदन है ।
आज महि ने ओढ़ी चुनरिया , माँ गौरा आशीष मिला ।
गिरि तरुवर और ताल तलैया , सत्य सनातन प्यार खिला ।
वंदन है अभिनंदन है , भारत भाल पे चंदन है ।
आज प्रातः में सबको मेरा , कोटी कोटी अभिनंदन है ।।
🌹(सर्वाधिकार सुरक्षित स्वरचित)
*प्रतिभा प्रसाद कुमकुम*
दिनांक 7.2.2020......
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