, *प्रतिभा प्रभाती भाग //२//*
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दीपों सी जगमग आलोकित , आज प्रभाती आई ।
खुशियाँ लाई संग संपदा , घर की तमस हटाई ।
पटल के सारे मित्रों को भी , वंदन नमन कहाई ।
नेह नमन के साथ मैं कहती , गंध बाग की लाई ।
पावन परम सुगम्य रोशनी , दीपों ने फैलाई ।
नेह नमन स्वीकार करें अब , पावन परम प्रभाती ।
पुण्य नेह सौगातें लाई , धरम सनातन थाती ।।
🌷 प्रतिभा प्रसाद कुमकुम 🙏🏻🙏🏻🙏🏻
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