प्रवीण शर्मा ताल*

*सलाह*



सुनो सबकी पर करो मन की,
सलाह जन की  मानो मन की।


सलाह होती बुरी और अच्छी,
सँवरे जीवन तो बड़ी है अच्छी।


अंतर्मन जो हमे गवाह दें,
सलाह वो जो हमे हवा दें।


सलाह होती एक सुझाव है,
 चलती जीवन की नाव है।


अगर नाव में छेद है,
कुछ सुझाव में भेद है


भेद सुझाव में न पाँव है,
लंगड़े जीवन पर घाव है।


सलाह हमे सीधे जहाँ ले चले,
वो निराशा के ऊपर बहाव है।


जो बिगड़े  जीवन सँवार दें,
वो सलाह हौसलो का भाव है।


 ताल जिंदगी की सलाह जान है
 यह निःस्वार्थ सेवा की पहचान है ।


*✒प्रवीण शर्मा ताल*
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