प्रिया सिंह लखनऊ

ये रंग होली का नहीं 
जम्हूरीयत का खून है 
ये रंग टोली का नहीं 
सियासी ये जूनून है....
ये रंग होली का नहीं....
जम्हूरीयत का खून है...


इन्हें शौक कत्ले आम का
इन्हें शौक नशीले जाम का
धर्म ना है जात उनकी "बस"
भीड़ का ये... कानून है
सियासी ये जूनून है... 
ये रंग होली का नहीं .....
जम्हूरीयत का खून है.....


हिन्द ना ही मान उसका
हिन्द ना ही जान उसका
अस्तित्व का उसके पता नहीं 
बस खून खराबा मालूम है
सियासी ये जूनून है ....
ये रंग होली का नहीं......
जम्हूरीयत का खून है.....


ये चोट उनको लगा नहीं 
उन्हें घाव जरा हुआ नहीं 
उन्हें तब तलक कहाँ सूकून है 
सियासी ये जूनून है....
ये रंग होली का नहीं...
जम्हूरीयत का खून है...


उरूज का ये दस्तूर है 
कुर्सी पर उन्हें गुरूर है
उन्हें आवाम से क्या वास्ता 
उनका तो साफ हो ये रास्ता 
उन्हें उजाड़ का हुकुम है
सियासी ये जूनून है..
ये रंग होली का नहीं ...
जम्हूरीयत का खून है ..


 


Priya singh


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