पुष्पा अवस्थी "स्वाति"

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 सुप्रभात


लाल चुनरिया ओढ़ के निकली घर से भोर 
पंछी  देने  लगे  बधाई  गूंज  उठा  है  शोर 
कलियों ने आंखें खोलीं तुम भी खोलो द्वार
"स्वाती" ले के आ गई खुशियों की बौछार 


पुष्पा अवस्थी "स्वाति"


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