*"महती महिमा मातु की"*
(कुण्डलिया छंद)
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★महती महिमा मातु की, सीख सकल संसार।
सच्ची शुचि संवेदना, परम पुलक परिवार।।
परम पुलक परिवार, नेह की ज्योति जलाती।
देकर शुभ आशीष, मातु देवी कहलाती।।
कह नायक करजोरि, स्रोत प्रेमिल बन बहती।
सींचे सारी सृष्टि, मान माँ महिमा महती।।
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भरत नायक "बाबूजी"
लोहरसिंह,रायगढ़ (छ.ग.)
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