राज श्री शर्मा
खंडवा मप्र
🌻🌻🌻🌻
गेंदा फूला जब बागों में
सरसों फूली जब खेतों में
तब फूल उठी सहस उमंग
मेरे मुरझाये प्राणों में;
🌼🌼 🌼🌼🌼
है आस नई, अभिलाष नई
नवजीवन की रसधार नई
ले नई साध ले नया रंग
मेरे आंगन आया बसंत
🌼🌼🌼🌼🌼
तुम नई स्फूर्ति इस तन को दो,
तुम नई चेतना मन को दो,
तुम नया ज्ञान जीवन को दो,
ऋतुराज तुम्हारा अभिनन्दन!
🙏🌼शुभ बसंत🌼🙏
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