राजेंद्र रायपुरी

😄😄 दिल्ली चुनाव विश्लेषण 😄😄


सड़सठ से  बासठ हुए, और तीन  से  सात।
एक  घटा  दूजा  बढ़ा, और  न  कोई  बात।


झाड़ू कुछ छोटी हुयी, बढ़ी कमल की नाल।
फ़र्क़ न  कोई  खास  पर, बजा रहे थे गाल।


पानी-बिजली मुफ़्त की,और किराया माफ़।
चली चाल तो खूब थी, बढ़ा न लेकिन ग्राफ़।


बाँट रहे  सब  मुफ़्त में, ले जनता  से  टेक्स।
ऐसा  दानी  मत  बनो, कर दो उनको फेक्स।


मुफ़्तखोर  दिल्ली  नहीं, बना  रहे हो आप।
पेट  काटकर  टेक्स  भरें, बंद करो  ये पाप।


                   ।।राजेंद्र रायपुरी।।


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