राजेंद्र रायपुरी

*परीक्षा*


परखने तुझे,
होगी परीक्षा तेरी,
कदम-कदम पर,
कहते जिसे,
इम्तहान।
ऐ नादान,
डर मत।
बढ़ा कदम,
करके हौसला,
तभी उड़ पाएगा,
ऊॅ॑ची उड़ान।
जो डर गया,
सो मर गया।
रख ये जुमला,
ज़हन में,
तभी,
राह होगी,
आसान।
और होंगे पूरे,
तेरे अरमान।


।। राजेंद्र रायपुरी।।


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