💥💥आया नव प्रभात 💥💥
नव प्रभात लेकर आया रवि,
लाली पूरब छाई।
चहक रहे हैं डाल परिंदे,
हवा चले पुरवाई।
स्वर्णिम किरणें आने को हैं,
चलो करें अगवानी।
कोयल स्वागत गीत गा रही,
मधुर सुनाए वानी।
तम का नाश करेगा सूरज,
धीरे-धीरे आकर।
आओ उसका स्वागत कर लें,
हम भी शीश झुकाकर।
भूलो कल की बातें यारों,
गीत खुशी के गाओ।
छोड़ के सारे शिकवे गिले,
सबको गले लगाओ।
(राजेंद्र रायपुरी)
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