ग़ज़ल
एक छोटा ही सही घर-बार होना चाहिए।
सर छुपाने के लिए अधिकार होना चाहिए।।
बात बिगड़ी बन भी सकती है मगर ये शर्त है,
गलतियों का दिल से ही इकरार होना चाहिए।
बढ़ रही बीमारियाँ हैं हर तरफ अब देश में,
जल्द ही सब रोग का उपचार होना चाहिए।
ज़ेब देती ही नहीं हरगिज़ कभी भी दुश्मनी,
आदमी को आदमी से प्यार होना चाहिए।
काम करना है हमें बन्धुत्व का ही चारसू,
प्यार ही का हर तरफ संचार होना चाहिए।
दिल लगाने के लिए है शर्त बस राकेश यह,
आदमी हो जो मगर दिलदार होना चाहिए।।
राकेश कुमार
निवास--डालटनगंज, झारखण्ड
दूरभाष--9431555151
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