आज की कुण्डलिया ~
12/02/2020
---- अनुपथ ----
अनुपथ हे प्रिय भामिनी ,
बना रहे यह संग ।
परिशोधन आपस करें ,
निखरे उज्ज्वल रंग ।।
निखरे उज्ज्वल रंग ,
पूर्णता दोनों पायें ।
मंजिल हो आसान ,
सरलता अनुभव गायें ।।
कह ननकी कवि तुच्छ ,
बनें हम नव भागीरथ ।
मिला सुखद आधार ,
एक दूजे के अनुपथ ।।
~ रामनाथ साहू " ननकी "
मुरलीडीह
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