संजय जैन (मुंबई )

*आचार्यश्री से प्रार्थना*
विद्या : गीत भजन 


गुरुदेव प्रार्थना है ,
अज्ञानता मिटा दो।
सच की डगर दिखा,  
 गुरुदेव प्रार्थना है।
ॐ विद्यागुरु शरणम,
ॐ जैन धर्म शरणम।
ॐ अपने अपने गुरु शरणम।।


हम है तुम्हारे बालक, 
कोई नहीं हमारा।
मुश्किल पड़ी है जब भी,  
 तुमने दिया सहारा।
चरणों में अपने रख लो,  
 चन्दन हमें बना दो।
गुरुदेव प्रार्थना है ,
अज्ञानता मिटा दो।१।


ॐ विद्यागुरु शरणम , 
ॐ जैन धर्म शरणम।
ॐ अपने अपने गुरु शरणम।।
पूजन तेरा गुरवर,
अधिकार मांगते है।
थोड़ा सा हम भी तेरा,
बस प्यार मंगाते है।
मन में हमारे अपनी, 
सच्ची लगन जगा दो।
गुरुदेव प्रार्थना है ,
अज्ञानता मिटा दो।2।


ॐ विद्यागुरु शरणम , 
ॐ जैन धर्म शरणम।
ॐ अपने अपने गुरु शरणम।।
अच्छे है या बुरे है,
जैसे भी है तुम्हारे।
मुंकिन नहीं है अब हम,
किसी और को पुकारे।
अपना बन लो हमको,
अपना वचन निभा दो।
गुरुदेव प्रार्थना है ,
अज्ञानता मिटा दो।३।


ॐ विद्यागुरु शरणम, 
ॐ जैन धर्म शरणम।
ॐ अपने अपने गुरु शरणम।।


जय जिनेन्द्र देव की
संजय जैन (मुंबई )
12/02/2020


कोई टिप्पणी नहीं:

Featured Post

दयानन्द त्रिपाठी निराला

पहले मन के रावण को मारो....... भले  राम  ने  विजय   है  पायी,  तथाकथित रावण से पहले मन के रावण को मारो।। घूम  रहे  हैं  पात्र  सभी   अब, लगे...