संजय जैन (मुम्बई)

*साथ चाहिए..*
विधा : कविता


तुझे देखे बिना अब,
मुझे चैन पड़ता नही ।
बोले बिना अब मैं,
तेरे से रह सकते नही।
कुछ तो बात है तुममें,
तभी तो संजय तेरा है।
जिंदगी के सफर में, 
बहुत आये और गये।
परन्तु तेरे जैसा दोस्त,
कम ही मिलता है।
जिसके साथ रहने से,
जिंदगी में कमल खिलते है।।


बहुत देखा जिंदगी में,
बहुतों के साथ रहकर।
बहुत सहा जिंदगी में,
लोगो के साथ रहकर।
कसम से कहता हूं में,
तेरे जैसा मिला ही नहीं।
तभी तो जिंदगी हसीन, बन गई तेरे आने से।
वरना गांव के बाहर का कुछ देखना ही नही था।।


जाने आने में ही आधी,
जिंदगी गमा दी हमने।
अब जो बची है जिंदगी,
उसे तेरे संग जीना है।
जो अब तक नही मिला
उसे तेरे साथ रहकर पाना है।
और जिंदगी का लुप्त,
हँसी खुशी से उठाना है।
अब तेरा क्या इरादा है,
मुझे अब तू बता दे।
और जिंदगी जीने का, 
तरीका अपना बता दे।।


जय जिनेन्द्र देव की
संजय जैन (मुम्बई)
27/02/2020


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