*दिल तेरा है तो...*
विधा : कविता
तेरी तस्वीर को,
सीने से लगा रखा है।
और तुझे अपने,
दिल में बसा रखा है।
इसलिए तो आंखे,
देखने को तरसती है।।
दिल तेरा है,
पर हक तो मेरा है।
क्योंकि तुमने मुझे,
अपना दिल जो दिया है।
मेरा मन जब भी करेगा,
तेरे दिलमें आता रहूंगा ।
बस ये दिल तुम,
किसी और को मत देना।।
मोहब्बत करना और,
उसे निभाना बड़ी बात है।
दिल के अरमानोंको,
जलाना भी बड़ी बात है।
वैसे तो बहुत लोग,
मोहब्बत करते है जिंदगी से।
परन्तु हकीकतकी कहानी,
उनकी कुछ और कहती है।।
जय जिनेन्द्र देव की
संजय जैन (मुम्बई)
29/02/2020
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