संजय शुक्ल कोलकाता

हिन्दुस्तान हमारा है।।


अब बीर जवानों गौर करो दुश्मन ने फिर ललकारा है।
कश्मीर से कन्याकुमारी तक ये हिन्दुस्तान हमारा है ।।


जहाँ मस्तक इसका हिमालय और पावों को धोता सागर है।।
जहाँ किसानो की बस्ती और पनघट जल की गागर है।
लहरों मे डूबे ये सागर हमको भी खुद से प्यारा है।।


जहाँ प्यार मे डूबी ईद यहाँ और दीपों की दिवाली हो।
जहाँ प्रकाश पर्व हो सिक्खों का और रंग भरी ये होली हो।
जहाँ मिल करके सब रहते है वो जन्नत का इक द्वारा है।।


जिसकी मिट्टी मे कृष्ण पले और घुटने चलते राम यहाँ ।
ये गंगा जमुना की धरती मेरे मन का अभिराम यहाँ।
आजाद भगत लक्ष्मी बाई और सुभाष का गूजे नारा है।।


✍🏻रचनाकार:  संजय शुक्ल ✍🏻कोलकाता । मोबाइल नं: 9432120670


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